श्री मधुर चतुर्वेदी सभा के तत्वावधान में बाबू ओंकार नाथ स्मृति एवं स्थापना दिवस पर साकेत नगर स्थित धर्मशाला में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने बाबू ओंकार नाथ चतुर्वेदी को याद करते हुए कहा, "बाबू ओंकार नाथ चतुर्वेदी से हुआ जुड़ाव कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने सच्चाई के साथ जीवन जिया और उनमें त्याग की भावना थी, इसलिए उन्हें संत की आत्मा कहा जाता है।"
कार्यक्रम की शुरुआत बाबू ओंकार नाथ की पौत्री गौरी द्वारा अपने बाबा के संस्मरण सुनाकर की गई, जिसने सभी को भावुक कर दिया। इसके बाद उनके पौत्र अनंत चतुर्वेदी ने मंच संभाला और अपने दादा जी के जीवन की महत्वपूर्ण घटनाओं को साझा किया।
इस अवसर पर प्रमुख उद्यमी दीपक कोठारी, अविनाश चतुर्वेदी, दैनिक जागरण के निदेशक सुनील गुप्ता, डॉ. आशुतोष बाजपेयी, पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र, डॉ. वी.के. मिश्रा और डॉ. भट्टर ने भी बाबू ओंकार नाथ चतुर्वेदी के साथ अपने अनुभवों और यादों को साझा किया।
पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र ने कहा, "बाबू ओंकार नाथ जी का जीवन और उनके आदर्श हमारे लिए हमेशा प्रेरणास्त्रोत रहेंगे। उनकी सच्चाई और त्याग की भावना ने हमें हमेशा सिखाया कि कैसे एक संतुलित और समर्पित जीवन जिया जा सकता है।"
डॉ. वी.के. मिश्रा और डॉ. भट्टर ने भी बाबू ओंकार नाथ चतुर्वेदी के साथ अपने संस्मरणों को साझा किया और उनके द्वारा समाज के लिए किए गए योगदान की सराहना की।
उपस्थित अतिथियों ने कहा, "बाबू ओंकार नाथ जी का जीवन और उनका योगदान हमारे समाज के लिए अमूल्य है। उनकी यादें हमें हमेशा प्रेरित करती रहेंगी।"
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में अतिथिगण उपस्थित रहे, जिन्होंने बाबू ओंकार नाथ चतुर्वेदी के जीवन और उनके योगदान की सराहना की और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन और सभी अतिथियों के लिए सम्मान समारोह के साथ हुआ। इस दौरान सभी ने बाबू ओंकार नाथ चतुर्वेदी के आदर्शों और उनके द्वारा दिखाए गए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।