हिन्दुग्रंथानुसार महाशिवरात्रि फाल्गुन महीने की कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है. जिसमें भगवान शिव की आराधना की जाती है. महाशिवरात्रि का महत्व वर्ष में होने वाली बारह शिवरात्रियों में से भी अधिक माना जाता है. महाशिवरात्रि के अवसर पर भक्तगण मंदिर जाकर शिवलिंग पर दुग्ध, पंचामृत व बेलपत्र इत्यादि अर्पित करते हैं.
इस दिन लोग फलाहार व्रत भी रखते हैं. चूँकि यह भगवान शिव की भक्ति व आस्था का पर्व है, इसलिए ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से भगवान की अनुकम्पा प्राप्त होती है.
महाशिवरात्रि का धार्मिक महत्व होने के साथ-साथ इसके पीछे वैज्ञानिक तथ्य भी है. महाशिवरात्रि की रात्रि में ग्रह का उत्तरी गोलार्ध ऐसी स्थिति में हो जाता है, जिससे व्यक्ति की ऊर्जा सहज ही ऊपर की ओर बढ़ती रहती है. इसीलिए लोग रात्रि जाग कर भजन-कीर्तन कर लाभान्वित होते हैं.
'शिवरात्रि व्रतं नाम सर्व पाप प्रणशनम'
अथार्त शिवरात्रि व्रत से सभी पापों से व्यक्ति को मुक्ति मिलती है. यह व्रत मनोवांछित फल देने वाला माना जाता है. इस दिन भक्तगण पूरी रात्रि जाग कर भजन-कीर्तन करते है और अगले दिन प्रसाद का भोग लगाकर व्रत का समापन करते हैं.
भगवान शिव की महिमा अपरम्पार है, वह सबका उद्धार करते हैं....उनकी कृपा सभी पर बनी रहे और सबके जीवन में खुशियों का आगमन हो, इसी कामना के साथ सभी को महाशिवरात्रि की सह्रदय मंगलकामनाएं
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