विगत कुछ वर्षों से सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी की स्थिति लगातार गिरती जा रही है. इसी परिस्थिति को देखते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने एकजुट होकर नेहरु जयंती के अवसर पर अपने मंतव्य जाहिर किए. उनके अनुसार वह जल्द ही अपने विचारों को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ भी साझा करेंगे.
बैठक में उपस्थित सभी वरिष्ठ नेताओं ने अपने-अपने विचार सबके सामने रखे. इस बैठक में लगभग 1 दर्जन पूर्व विधायक भी शामिल थे, जो पार्टी के कार्यों से नाखुश नज़र आ रहे थे. पार्टी के लिए चिंतित नेताओं के अनुसार कुछ नए कर्मचारियों को रखा गया है, जो प्रदेश और जिला संगठन के पदाधिकारियों का चयन करेंगे. वह कर्मचारी स्वयं भी कमेटी के सदस्य नही हैं और न ही उन्हें राजनीति व दल की कोई समझ है.
सभी वरिष्ठ कांग्रेसियों ने अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा की पार्टी के हित के लिए कार्य कर रहे बुज़ुर्ग नेताओं को दरकिनार कर पार्टी अपनी समझ से फैसले ले रही है, जिसके कारण आज पार्टी का स्तर लगातार गिरता जा रहा है.
इस बैठक के दौरान पूर्व विधायक भूधर नारायण मिश्र ने भी अपने विचार रखे -
उनका मानना है कि यह बात केवल आज की नही अपितु विगत दस से पंद्रह वर्षों से पार्टी इसी प्रकार अपनी मनमानी कर फैसले ले रही है. जिससे पार्टी को हानि पहुँच रही है. पार्टी की मजबूती एकजुटता से होती है. पार्टी ने पिछले वर्षों से जो भी फैसले लिए हैं, उनमें बैठक में उपस्थित किसी भी नेता से कोई विचार-विमर्श नही किया गया.
डॉ. संतोष सिंह के आवास पर आयोजित इस बैठक में पूर्व मंत्री रामकिशन द्विवेदी, सत्यदेव त्रिपाठी, स्वयंप्रकाश गोस्वामी, राजेंद्र सिंह सोलंकी, विनोद चौधरी, नेकचंद पाण्डेय, सिराज मेहन्दी जैसे नेताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज की.