जिससे हटिया बाजार का कारोबार ठप्प हो गया, वहीं मजदूरों ने भी फैक्ट्री में काम करने से मन कर दिया और लोगों ने रज्जन बाबू पार्क में धरना शुरू कर दिया, अंतत: ब्रिटिश हुकूमत को झुकना पड़ा और छह दिनों के बाद क्रांतिकारियों को रिहा किया गया। जिसके बाद इन स्वतंत्रता सेनानियों को लेने जन सैलाब जेल के बाहर पहुंचा और क्रांतिवीरों के साथ जमकर होली खेली गई, तभी से कानपुर में सात दिनों की होली की परंपरा चली आ रही है।
नमस्कार, मैं भूधर नारायण मिश्रा, कानपुर महानगर से पूर्व विधायक बोल रहा हूँ. मैं आप की आम समस्याओं के समाधान के लिए आपके साथ मिल कर कार्य करने को तत्पर हूँ, चाहे वो हो क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, समानता, प्रशासन इत्यादि से जुड़े मुद्दे या कोई सुझाव जिसे आप साझा करना चाहें. आप मेरे जन सुनवाई पोर्टल पर जा कर ऑनलाइन भेज सकते हैं. अपनी समस्या या सुझाव दर्ज़ करने के लिए क्लिक करें - जन सुनवाई.