25 सितम्बर को भारतीय राजनीति के अंतर्गत संस्कृति के वाहक रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय का जन्मदिवस मनाया जाता है. भारतीय जनता पार्टी के राजनीतिक एवं वैचारिक प्रतिस्थापक रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम भारतीय लोकतंत्र के उन पुरोधाओं में लिया जाता है जिन्होंने वास्तविक भारतीयता के दर्शन राजनीति के अंतर्गत समावेशित किये.
उत्तर प्रदेश के मथुरा में 25 सितम्बर, 1916 में जन्में पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने जीवनपर्यन्त अपने विचारों और नैतिक आचरण को धारण किये रखा, वह आज भी हम सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं. अपनी पुस्तक "एकात्म मानवतावाद" में उन्होंने मानवीयता के प्रसंगों को राजनीति के साथ समायोजित किया है. उन्होंने आपसी सहयोग, एकात्मकता को जिस प्रकार परिभाषित किया वह आज भी उतनी की प्रासंगिक है, जितनी उनके समय में थी. ऐसे बौद्धिक एवं प्रेरणादायी व्यक्तित्व को श्रृद्धापूर्वक नमन है.
पंडित दीनदयाल के ही शब्द, "मैं राजनीति के लिए राजनीति में नहीं हूँ, वरन मैं राजनीति में संस्कृति का राजदूत हूँ.." उनके उदार और मानवीय व्यक्तित्व को उद्भाषित करते हैं. वह राजनीति में रहते हुए भी सभी कार्यकर्ताओं से अनुग्रह करते थे कि हमें जनसंघ को भारतीय संस्कृति से ओत-प्रोत एक दल के रूप में प्रगति देना है.
नमस्कार, मैं भूधर नारायण मिश्रा, कानपुर महानगर से पूर्व विधायक बोल रहा हूँ. मैं आप की आम समस्याओं के समाधान के लिए आपके साथ मिल कर कार्य करने को तत्पर हूँ, चाहे वो हो क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, समानता, प्रशासन इत्यादि से जुड़े मुद्दे या कोई सुझाव जिसे आप साझा करना चाहें. आप मेरे जन सुनवाई पोर्टल पर जा कर ऑनलाइन भेज सकते हैं. अपनी समस्या या सुझाव दर्ज़ करने के लिए क्लिक करें - जन सुनवाई.
© Bhudhar Narayan Mishra & Navpravartak.com.
Terms Privacy