उत्तर
प्रदेश के नागरिक उस राज्य के स्थापना दिवस को या किसी खास दिन को अपने राज्य के
लिए उत्साह से एक साथ मिलकर मनाते है। इस दिन का आयोजन वहाँ की सरकार द्वारा
किया जाता है।
24 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश को अस्तित्व मिला था, जब भारत के गवर्नर जनरल ने यूनाइटेड प्राविंसेज (आल्टरेशन ऑफ नेम) ऑर्डर 1950 पारित किया था। तब से लेकर आज तक हम 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाते हैं। 24 जनवरी 1950 से पहले यह राज्य यूनाइटेड प्रॉविंस के नाम से पहचाना जाता था। यह राज्य गंगा-जमुनी तहजीब के लिए जाना जाता है. साथ ही गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम के लिए जाना जाता है, और खेती भी खुब होती है।
राज्य की भाषा और बोलियां क्या है
उत्तर प्रदेश इतना बड़ा राज्य है कि यहां कुछ ही दूरी पर
भिन्न-भिन्न बोली वाले लोग मिलते हैं, वैसे इस राज्य की भाषा हिन्दी है. उत्तर
प्रदेश की आबादी में 94.08 फीसदी लोग हिन्दी बोलते हैं। हिंदी
भाषा के अलावा इसमें कई तरह की बोली भी बोली जाती है, पूर्वी उत्तर प्रदेश के अवध
क्षेत्र में बोली जाने वाली अवधी, पूर्वी उत्तर प्रदेश के
भोजपुरी क्षेत्र में बोली जाने वाली भोजपुरी और ब्रज क्षेत्र के पश्चिमी उत्तर
प्रदेश में बोली जाने वाली ब्रजभाषा शामिल हैं. इसी तरह हर क्षेत्र में कुछ अलग
भाषा का उपयोद है।
24
जनवरी को उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस
24 जनवरी 1950 से
पहले यह राज्य यूनाइटेड प्रॉविंग के नाम से पहचाना जाता
था. 24 जनवरी 1950 को उत्तर प्रदेश को यह
नाम मिला. यह 1 अप्रैल 1937 को ब्रिटिश
शासन के दौरान इसे संयुक्त प्रांत आगरा और अवध के रूप में स्थापित किया गया था।
ब्रिटिश शासनकाल में इसे यूनाइटेड प्रॉविंस कहा जाता था जो कि 24 जनवरी 1950 में बदलकर उत्तर प्रदेश किया गया.
नमस्कार, मैं भूधर नारायण मिश्रा, कानपुर महानगर से पूर्व विधायक बोल रहा हूँ. मैं आप की आम समस्याओं के समाधान के लिए आपके साथ मिल कर कार्य करने को तत्पर हूँ, चाहे वो हो क्षेत्र में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, समानता, प्रशासन इत्यादि से जुड़े मुद्दे या कोई सुझाव जिसे आप साझा करना चाहें. आप मेरे जन सुनवाई पोर्टल पर जा कर ऑनलाइन भेज सकते हैं. अपनी समस्या या सुझाव दर्ज़ करने के लिए क्लिक करें - जन सुनवाई.
© Bhudhar Narayan Mishra & Navpravartak.com.
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